एसकेएम का आह्वान: किसान विरोधी, कॉरपोरेट समर्थक भाजपा को सबक सिखाने के लिए वोट करें
दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में 'कॉर्पोरेट भगाओ, भाजपा को सजा दो, देश बचाओ' अभियान शुरू करने का निर्णय किया है।
केंद्र सरकार द्वारा देश के किसानों पर तीन किसान विरोधी कानून थोपे जाने के खिलाफ किसान संगठनों ने 380 दिनों तक लंबा आंदोलन चलाया था, जिसमें 725 किसान शहीद हुए थे। एसकेएम इस हत्या के लिए केंद्र सरकार, खासकर प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को जिम्मेदार मानता है। किसान आंदोलन शुरू होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं के साथ तीन दौर की बातचीत की। इस वार्ता में मंत्री की भूमिका किसान विरोधी और बेहद नकारात्मक रही, जिसके कारण वार्ता विफल रही।
380 दिनों के बाद किसानों की दृढ़ता और विरोध के कारण केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। कृषि विभाग के सचिव श्री संजय अग्रवाल द्वारा किसानों को लिखित आश्वासन भी दिया गया, जो अंततः किसानों के साथ धोखा साबित हुआ। केंद्र सरकार ने किसान संगठनों की सहमति से एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए न तो कोई कमेटी बनाई, न ही अन्य आश्वासन पूरे किए। अपनी ओर से एसकेएम ने एक बार फिर कृषि मंत्री के साथ बैठक की, जहां उन्होंने कई आश्वासन दिये लेकिन केंद्र सरकार ने उनमें से एक भी पूरा नहीं किया।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खुद मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में बाजरा व अन्य फसलें एमएसपी पर नहीं खरीदी जा रही हैं। किसान कर्ज में डूबे हुए हैं और खेती छोड़कर शहरी मजदूरों के रूप में काम करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए ऋण माफी लागू करने से इनकार कर दिया है, जबकि कॉरपोरेटों को 15 लाख करोड़ रुपये की ऋण माफी दी गई है। मनरेगा के लिए बजट आवंटन में कटौती की गई है। कृषि मंत्री किसानों की जायज मांगों को पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं हैं। इसलिए, 8 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा मुरैना में प्रेस कॉन्फ्रेंस और दिमनी विधानसभा क्षेत्र में किसान पंचायत आयोजित करेगा और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसान विरोधी, कॉर्पोरेट समर्थक भाजपा को दंडित करने और किसान विरोधी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को हराने की अपील करेगा, ताकि किसानों की जमीन और कृषि बाजार कॉरपोरेट को न सौंपे जाएं।

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